मनोरंजक कथाएँ >> अंधेरा घर अंधेरा घरपुदैव चन्द्रहरि
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प्रस्तुत है रोचक कहानी अँधेरा घर
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
अंधेरा घर
सूरज निकला। आकाश में लाली छा गई। समुद्र की लहरें चमक उठीं। सारे गांव को
रोशन करता प्रकाश उस घर की ऊपरी मंजिल की खिड़की से अंदर आया।
परिवार की मालकिन मंगै सो रही थी। शरीर पर
धूप पड़ते ही जाग गई। रोशनी से आँखें चौंधिया गई। फिर भी करवट बदलकर लेटी रही।
बीमार बच्चा ‘‘म्मा.....म्मा’’ करके उसके पास रो रहा था।
समय पर ग्वाला आया। पिछले दरवाजे से आकर लोटे में दूध दुहने लगा। फिर ओखली के पास दूध का लोटा रख कर चला गया।
मंगै का पति जाग गया। आराम कुर्सी पर बैठकर अपने सड़े दांत को कुदेरता रहा। बड़ा लड़का चारपाई से उठा। उठते ही उसे बढ़िया मिठाई और वड़े की याद आई। जल्दी-जल्दी चौके में गया। चूल्हे में से राख निकाली। मंजन करके, कुल्ला किया और मुंह धोने के लिए लोटा ढूंढने लगा। ग्वाला दूध का लोटा रख गया था, उसी पर उसकी नजर गई। उसे पानी समझकर कुल्ला किया और मुंह धोकर लोटा नीचे रखा तो उसमें दूध दिखा। अरे, सारा दूध बेकार गया। अब बाबा मारेगे-डरते हुए बापू के पास गया और झूठ बोला-‘‘बापू, ग्वाले ने सारा दूध गिरा दिया।’’
‘‘मिठाई.....मिठाई लो....’’ मिठाई बेचने वाली ने दरवाजा खटखटाया। लड़का तो इसी ताक में था। दौड़कर झट से दरवाजा खोला और थाली भरकर मिठाई और वड़े खरीद लिए। बीच कमरे में बैठकर भरपेट मिठाई खाई। पेट दुखने लगा।
परिवार की मालकिन मंगै सो रही थी। शरीर पर
धूप पड़ते ही जाग गई। रोशनी से आँखें चौंधिया गई। फिर भी करवट बदलकर लेटी रही।
बीमार बच्चा ‘‘म्मा.....म्मा’’ करके उसके पास रो रहा था।
समय पर ग्वाला आया। पिछले दरवाजे से आकर लोटे में दूध दुहने लगा। फिर ओखली के पास दूध का लोटा रख कर चला गया।
मंगै का पति जाग गया। आराम कुर्सी पर बैठकर अपने सड़े दांत को कुदेरता रहा। बड़ा लड़का चारपाई से उठा। उठते ही उसे बढ़िया मिठाई और वड़े की याद आई। जल्दी-जल्दी चौके में गया। चूल्हे में से राख निकाली। मंजन करके, कुल्ला किया और मुंह धोने के लिए लोटा ढूंढने लगा। ग्वाला दूध का लोटा रख गया था, उसी पर उसकी नजर गई। उसे पानी समझकर कुल्ला किया और मुंह धोकर लोटा नीचे रखा तो उसमें दूध दिखा। अरे, सारा दूध बेकार गया। अब बाबा मारेगे-डरते हुए बापू के पास गया और झूठ बोला-‘‘बापू, ग्वाले ने सारा दूध गिरा दिया।’’
‘‘मिठाई.....मिठाई लो....’’ मिठाई बेचने वाली ने दरवाजा खटखटाया। लड़का तो इसी ताक में था। दौड़कर झट से दरवाजा खोला और थाली भरकर मिठाई और वड़े खरीद लिए। बीच कमरे में बैठकर भरपेट मिठाई खाई। पेट दुखने लगा।
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